प्रश्न

प्रश्न
कुछ इस तरह सुलगते हैं
कि मानव सुलग उठता है
प्रश्न बुझ जाते हैं
लेकिन मानव नहीं बुझता.

आओ
हम इन सुलगते प्रश्नों को
सुलगने से रोकें
चिंतन की छाया तले
इनका हल खोजें
क्यों कि
मानव का सुलगना
शुभ नहीं होता.
उसके सुलगने से होते हैं
दंगे/घटनाएं/दुर्घटनाएं.
जो कि दफ़न कर देते हैं
मानव की मानवता
छीन लेते हैं उससे
उसके सोचने-समझने की क्षमता.

तो आओ
ऐसा होने के पहले ही
हम कुछ करें
सुलगते प्रश्नों को
सुलगने से रोकें
चिंतन की छाया तले
उनका हल खोजें.

चिंतन की छाया तले
उनका हल खोजें.

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